Kam Gaurav Ki Baat Nahin | कम गौरव की बात नहीं
Vivek Shukla
11:12 PM
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Kam Gaurav Ki Baat Nahin | कम गौरव की बात नहीं
गिरि हिला, सिंधु संग नभ काँपा
भयभीत हुयी धरणी उस दिन
निर्भय, निश्चल, मुस्काता सा
वो पंथी चला, कुछ अविरल हो
यह कम गौरव की बात नहीं ।
भीषण विप्लव औ' अंधकार
भयलीन शशि, खद्योत का क्षय निश्चित
निर्भीक, निडर, गुर्राता सा
वो पंथी चला, निज दिनकर बन
यह कम गौरव की बात नहीं ।
विधि क्रम से जो दीन हीन
धूल धूसरित वस्त्र उसके मलिन
कृषक, सृष्टा का सहभागी
वो पंथी चला, कुछ अर्पण कर
यह कम गौरव की बात नहीं ।।