आँखों का पानी, अधूरी कहानी | Ankhon Ka Pani, Adhuri Kahani
Vivek Shukla
6:45 PM
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आँखों का पानी, अधूरी कहानी | Ankhon Ka Pani, Adhuri Kahani
वो रिमझिम सी बूँदों का खिडक़ी पे आना,
नम मिट्टी की सोंधी महक का लुभाना,
उस बारिश में भींगी, सहमी एक दीवानी,
वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।
नज़ाकत से उसका वो कूचे पे आना, गले को झटक-कर झुल्फ़े गिराना,
क्यों शरीफ़ों की क़िस्मत में गिरना लिखा है?
प्यार की महक, हवा कुछ रूहानी,
फिर वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।
क्यों शरीफ़ों की क़िस्मत में गिरना लिखा है?
प्यार की महक, हवा कुछ रूहानी,
फिर वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।
वो पागल सा लड़का जवानी में गुम था,
सपनें तो बड़े थे पर हौसलों से कम था,
इश्क़ में चाहतों की चढ़ी वो रवानी,
फिर वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।
सपनें तो बड़े थे पर हौसलों से कम था,
इश्क़ में चाहतों की चढ़ी वो रवानी,
फिर वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।
वो आशिक़ की दुविधा, इज़हार की कोशिश,
मशक्क़त बड़ी थी, समझ की कमी थी,
पर मिलना था उनको, मिल ही गए वो,
फिर वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।
मशक्क़त बड़ी थी, समझ की कमी थी,
पर मिलना था उनको, मिल ही गए वो,
फिर वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।
वो ज़माने में प्रेमियों का सरेआम मिलना,
चातक मिला हो, पहली बारिश से जैसे,
वो दिलकश थी बातें और गहरे थे वादे, उन्होंने किये थे,
फिर वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।
वो दिलकश थी बातें और गहरे थे वादे, उन्होंने किये थे,
फिर वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।
जगमगाते दिए फ़िर तूफानों की आहट,
घरों में गिरी हो एक बिजली सी जैसे, मगर अब तबाही की किसको फिकर है?
फ़िज़ा जानती है ये कहानी पुरानी,
वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।
घरों में गिरी हो एक बिजली सी जैसे, मगर अब तबाही की किसको फिकर है?
फ़िज़ा जानती है ये कहानी पुरानी,
वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।
वो विरह की पीड़ा, उसको खोने का दुख भी,
जैसे तन्हा भंवर में अटकती हों सांसें, भटकती जवानी,
वो भीगा सा आँचल, वो कटती कलाई,
फिर वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।।
जैसे तन्हा भंवर में अटकती हों सांसें, भटकती जवानी,
वो भीगा सा आँचल, वो कटती कलाई,
फिर वो आँखों का पानी, अधूरी कहानी।।
--विव